ताज़ातरीन ख़बरें
टी20 सीरीज: भारत की दिव्यांग क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को दी 49 रन से मात
भारतीय फिजिकल डिसेबिलिटी क्रिकेट टीम ने अहमदाबाद में टी20 द्विपक्षीय सीरीज के पहले मैच में मेहमान टीम इंग्लैंड पर 49 रन से जीत दर्ज की
नई दिल्ली: भारतीय फिजिकल डिसेबिलिटी क्रिकेट टीम ने अहमदाबाद में पांच मैचों की टी20 सीरीज के पहले मैच में मेहमान इंग्लैंड टीम पर 49 रन से जीत दर्ज की. सीरीज का आयोजन भारतीय दिव्यांग क्रिकेट परिषद (डीसीसीआई) बीसीसीआई और उसकी सहयोगी इकाई गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के सहयोग से कर रहा है. पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने निर्धारित 20 ओवर में तीन विकेट के नुकसान पर 146 रन बनाए. जबाव में इंग्लैंड की पूरी टीम 18 ओवर में 97 रन ही बना सका.
इसे भी पढ़ें: राष्ट्रीय खेल पुरस्कार: पैरा एथलीट शीतल देवी और प्राची यादव को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया
सीरीज के लिए अहमदाबाद उड़ान भरने से पहले खिलाड़ियों को नागपुर के तालेगांव में राजस्थान रॉयल की अकादमी में 15-20 जनवरी तक पांच दिनों तक कठोर ट्रेनिंग से गुजरना पड़ा, जो 2019 विश्व कप जीतने के बाद उनका पहला बड़ा असाइनमेंट है.
भारतीय कप्तान विक्रांत केनि ने पीटीआई से कहा,
“हमारी टीम में बहुत सारे ऑलराउंडर हैं. हमारे पास रवींद्र सांते, वसीम इकबाल और शिव शंकरा जीएस हैं जो अच्छी बल्लेबाजी के साथ पार्ट टाइम गेंदबाजी भी कर सकते हैं. राधिका प्रसाद और मोहम्मद सादिक के रूप में हमारे पास अच्छे तेज गेंदबाज हैं और पवन कुमार स्पिन अटैक को संभाल सकते हैं. शिव शंकर के पास सिर्फ एक हाथ है लेकिन उससे वह शानदार छक्के लगाते हैं.”
भारतीय कप्तान केनी ने आशा व्यक्त की है कि यह सीरीज भारत में फिजिकली डिसेबल्ड क्रिकेट में बड़ा बदलाव लाएगी. उन्होंने कहा,
“हमें उम्मीद थी कि 2019 विश्व कप जीतने के बाद चीजें बदल जाएंगी, लेकिन कोरोनोवायरस महामारी के कारण ऐसा नहीं हो सका. अगर बीसीसीआई और आईपीएल फ्रेंचाइजी हमारा समर्थन करते हैं, तो यह बहुत अच्छा होगा. कुछ दिव्यांग क्रिकेटर साधारण बैकग्राउंड से आते हैं. उनमें से कुछ अपनी नौकरी छोड़कर खेलने आते हैं. अगर खिलाड़ियों अधिक समर्थन मिलेगा, तो वो भारत के लिए खेलने को लेकर और प्रेरित होंगे.”
सीरीज के लिए टीम के कोच रोहित झालानी हैं, जो राजस्थान के लिए रणजी ट्रॉफी में खेल चुके हैं और 2019 विश्व कप कैंपेन के दौरान चयनकर्ता भी रह चुके हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा,
“हमने 1983 विश्व कप के बाद भारत में एक ऐतिहासिक बदलाव देखा है. इसी तरह मैं इस सीरीज को भी देख रहा हूं.”
इसे भी पढ़ें: घोर निराशा से उबर कर खेलों में कश्मीर की सफलता का चेहरा बने पैरा एथलीट गौहर अहमद
(PTI और ANI से इनपुट)