खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 का पहला संस्करण 10 से 17 दिसंबर 2023 तक आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 1,500 एथलीटों ने सात खेलों में भागीदारी की
रिपोर्ट: सैयद मोहम्मद अफनान | January 3, 2024 Read In English
नई दिल्ली: 22 वर्षीय महेश सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित एक फुटबॉलर हैं. वह मणिपुर टीम के गोलकीपर के रूप में खेलो इंडिया पैरा गेम्स में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे हैं. उनके साथी बैरून भी सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित हैं. वह सिर्फ दस साल के थे जब उन्होंने फुटबॉल खेलना छोड़ दिया, क्योंकि उन्हें कभी किसी टीम में शामिल नहीं किया गया था. अब 17 साल बाद वह खेलो इंडिया पैरा गेम्स में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इस मैच में उनकी जीत विशेष रूप से आश्चर्यजनक है, क्योंकि टीम का गठन लगभग एक महीने पहले ही किया गया था.
टीम मणिपुर के एक खिलाड़ी बैरून युमनाम ने कहा,
“सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित लोगों के लिए, यह एक प्रेरित करने वाली बात है. अगर मुझे भारतीय टीम में चुना जाता है, तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा.”
खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 का पहला संस्करण 10 दिसंबर 2023 से 17 दिसंबर तक दिल्ली शहर के तीन स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है. सात खेलों में पैरा तीरंदाजी, पैरा एथलेटिक्स, पैरा बैडमिंटन, पैरा टेबल टेनिस, पैरा पावरलिफ्टिंग, सेरेब्रल पाल्सी फुटबॉल और पैरा शूटिंग शामिल हैं, जिसमें लगभग 1,500 एथलीटों ने भागीदारी की.
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सेरेब्रल पाल्सी स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की सचिव कविता सुरेश ने कहा, “दिव्यांग व्यक्तियों के लिए यह बहुत बड़ा प्रोत्साहन है.” उन्होंने बताया,
“यह सिर्फ उन आठ टीमों की बात नहीं है, जो यहां भाग ले रही हैं, बल्कि उन हजारों लोगों से भी जुड़ा हुआ है, जो इसे टेलीविजन पर देख रहे हैं, जो जागरूक हो रहे हैं कि सेरेब्रल पाल्सी नाम की कोई चीज होती है और सेरेब्रल पाल्सी वाले व्यक्तियों के लिए भी खेल की दुनिया में कोई मौका है.”
खेलो इंडिया पैरा गेम्स कई अंतरराष्ट्रीय पैरा गेम्स प्रतियोगिताओं में भारत के पैरा एथलीटों के ऐतिहासिक प्रदर्शनों के बाद शुरू हुए हैं. यह राष्ट्रीय मंच देश के भीतर महत्वपूर्ण जागरूकता पैदा करने में मदद कर रहा है. यह न केवल भारत के पैरा एथलीटों को लोगों के सामने ला रहा है, बल्कि युवा पैरा खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय मंच पर भी पहुंचा रहा है.
भारत की पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष और शॉट पुट F53 स्पर्धा में 2016 पैरालंपिक रजत पदक विजेता दीपा मलिक ने कहा, “खेलो इंडिया हमारे देश का खेल है.” पद्म श्री, खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार विजेता मलिक ने कहा,
“खेलो इंडिया एक ऐसा मंच है जहां सभी एथलीटों को एक इको सिस्टम में शामिल किया है. नए पैरा एथलीट देश के विभिन्न हिस्सों से आए हैं और वे एक-दूसरे से मिल रहे हैं, बातचीत कर रहे हैं और यहां तक कि पैरालंपिक पदक विजेताओं के साथ प्रदर्शन भी कर रहे हैं. इससे उन्हें बढ़ावा, प्रोत्साहन और प्रेरणा मिलेगी.”
यह उस विशाल क्षमता का जश्न है, जिसे खेलो इंडिया पैरा गेम्स ने उभारने का प्रयास किया है और निश्चित रूप से इस कार्यक्रम में शीतल देवी समेत कई स्टार परफॉर्मर्स ने अपना दमदार प्रदर्शन भी किया है.
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एशियन पैरा गेम्स 2023 में पैरा तीरंदाजी की डबल गोल्ड मेडलिस्ट शीतल देवी ने कहा,
“आज मैंने अपने देश में पदक जीता है और मैं यहां पदक जीतकर उत्साहित महसूस कर रही हूं. हम जैसे लोगों को खेलो इंडिया जैसे आयोजनों में अवश्य भाग लेना चाहिए. आज मेरे जैसे कई प्रतिभागी थे और उन्हें खेलते हुए देखकर मुझे खुशी हुई.”
खेलो इंडिया पैरा गेम्स का अंतिम लक्ष्य हमारी उस युवा पीढ़ी में खेल की भावना पैदा करना है, जो दिव्यांगता के साथ जी रहे हैं. तो अगली बार जब व्हीलचेयर पर बैठा कोई बच्चा कोई खेल खेलने का सपना देखे, तो वह ‘मैं कैसे कर सकता हूं?’ के बजाय यह सोचे कि ‘मैं भी कैसे कर सकता हूं!’
समर्थ, हुंडई द्वारा एनडीटीवी के साथ साझेदारी में शुरू हुई एक पहल है जिसका मकसद समावेशिता को बढ़ावा देना, नजरिए को बदलना और दिव्यांग लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता को सुधारना है.
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