85 साल से ज्यादा उम्र के मतदाता और 40 फीसदी बेंचमार्क डिसेबिलिटी वाले दिव्यांग लोग घर पर मतदान सुविधा का फायदा उठा सकते हैं
द्वारा: आस्था आहूजा | एडिट: श्रुति कोहली | May 29, 2024 Read In English
नई दिल्ली: साई कौस्तुव ने कहा, ”मैं 33 साल का हूं और इस साल मैंने अपना पहला वोट डाला.”
इतने सालों तक साई ने वोट नहीं किया, क्योंकि वह मतदान नहीं कर सकते थे. दरअसल, ब्रिटल बोन डिसऑर्डर (Brittle Bone disorder) ने उनके शरीर का 90 फीसदी हिस्सा निष्क्रिय (dysfunctional) कर दिया है.
लेकिन 2024 का लोकसभा चुनाव अलग है. इस चुनाव में बुजुर्गों और दिव्यांग व्यक्तियों के पास घर से मतदान करने का विकल्प है.
बुजुर्ग कैटेगरी में आने के लिए मतदाताओं की उम्र 85 साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए. दिव्यांग की कैटेगरी में 40 फीसदी या उससे ज्यादा डिसेबिलिटी वाला कोई भी व्यक्ति शामिल है.
इसे भी देखें: चुनाव आयोग ने Voting को लेकर दिव्यांगों के लिए किया खास इंतजाम
भारत में 90 लाख से ज्यादा दिव्यांग और 81 लाख से ज्यादा वरिष्ठ नागरिक (85 साल और उससे ज्यादा उम्र के) रजिस्टर्ड वोटर हैं. यह पहल मतदाताओं की समावेशिता और पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है.
इसे भी देखें: Lok Sabha Elections 2024: Election Commission की तरफ से Disable Person के लिए क्या ख़ास इंतज़ामात
समर्थ, हुंडई द्वारा एनडीटीवी के साथ साझेदारी में शुरू हुई एक पहल है जिसका मकसद समावेशिता को बढ़ावा देना, नजरिए को बदलना और दिव्यांग लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता को सुधारना है.
This website follows the DNPA Code of Ethics
© Copyright NDTV Convergence Limited 2024. All rights reserved.