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राष्ट्रीय खेल पुरस्कार: पैरा एथलीट शीतल देवी और प्राची यादव अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित

पैरा तीरंदाज शीतल देवी और पैरा-कैनोइस्ट प्राची यादव को खेल में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उनके बेहतरीन प्रदर्शन को दर्शाता है

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नई दिल्ली: भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले एथलीटों को मंगलवार (9 जनवरी) को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों राष्ट्रीय खेल और साहसिक पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया. विजेताओं में 16 वर्षीय पैरा तीरंदाज शीतल देवी और पैरा-कैनोइस्ट प्राची यादव भी शामिल थीं. इनको राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी प्रतियोगिताओं में उनके असाधारण प्रदर्शन और खेल में उनकी उत्कृष्टता के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. जब पैरा तीरंदाज शीतल देवी और पैरा-कैनोइस्ट प्राची यादव अपना पुरस्कार लेने पहुंचीं तो हॉल तालियों से गूंज उठा.

शीतल जन्म से ही फोकोमेलिया बीमारी से ही ग्रसित हैं. यह एक ऐसी दुर्लभ जन्मजात विकृति है, जिसमें अंग या तो बहुत अविकसित होते हैं या होते ही नहीं. इस जन्मजात विकार के बावजूद 16 वर्षीय शीतल बिना हाथों वाली एकमात्र अंतरराष्ट्रीय पैरा-तीरंदाजी चैंपियन बनी हैं.

राष्ट्रपति ने शीतल को पुरस्कार और पुस्तक प्रदान की. इस मौके पर उनकी असाधारण उपब्धियों के बारे में भी सबको बताया गया. पैरा तीरंदाजी में शीतल की मुख्य उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

  • 2023 में हांगझू, चीन में आयोजित चौथे पैरा एशियाई खेलों में तीन स्वर्ण पदक और एक रजत पदक.
  • 2023 में चेक गणराज्य के पिलसेन में आयोजित विश्व पैरा तीरंदाजी चैम्पियनशिप में एक रजत पदक.

पैरा-तीरंदाज को उनकी “काबिलियत भरी पहचान” के लिए बधाई देते हुए, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर लिखा, “शीतल, आप देश और देश के लिए एक रोल मॉडल हैं. आपने दुनिया से अपने जुनून, उत्साह और कड़ी मेहनत का लोहा मनवाया है. आप सीमाओं को पार कर यूं हीं आगे बढ़ाना जारी रखें और हमें भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करती रहें. दुनिया को आपसे बहुत कुछ सीखना है!”

हुंडई द्वारा समर्थ के लॉन्च पर एनडीटीवी से बातचीत में शीतल ने उनके बारे में लोगों की गलत धारणाओं के बारे में बताया. अपनी कोच प्रीति के समर्थन से शीतल ने उन सभी आशंकाओं को ध्वस्त कर दिया, जो उसकी क्षमताओं को लेकर जताई जा रही थीं. उन्होंने कहा,

“मैं बचपन से ही हर चीज के लिए अपने पैरों का उपयोग कर रही हूं – लिखना, पढ़ना, खेलना, पेड़ों पर चढ़ना और अब मैं अपने पैरों से तीरंदाजी भी करती हूं.”

दूसरी ओर, व्हीलचेयर पर बैठी पैरा-कैनोइस्ट प्राची यादव को अर्जुन पुरस्कार देने के लिए राष्ट्रपति मुर्मू खुद चलकर मंच से नीचे आईं.

मंत्री अनुराग ठाकुर ने 2023 में प्रत्येक टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के लिए प्राची की सराहना की. उन्होंने कहा, “उनकी (प्राची यादव) निरंतरता और उत्कृष्टता की भूख ही उनकी यात्रा को इतना प्रेरणादायक बनाती है. अब तक की इतनी अविश्वसनीय यात्रा और पैरा-कैनोइंग में गरिमामय अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित होने पर आपको बहुत-बहुत बधाई.”

प्राची की विजय गाथा के प्रमुख पड़ाव इस प्रकार हैं:

  • 2023 में चीन के हांगझू में आयोजित चौथे पैरा एशियाई खेलों में एक स्वर्ण पदक और एक रजत पदक.
  • 2023 में समरकंद, उज्बेकिस्तान में आयोजित एशियाई पैरा कैनो चैम्पियनशिप में तीन स्वर्ण पदक और एक रजत पदक.
  • 2022 में पॉज्नान, पोलैंड में आयोजित आईसीएफ पैरा कैनो विश्व कप में एक कांस्य पदक.

मध्य प्रदेश के ग्वालियर की प्राची यादव को कमर से नीचे का हिस्सा पक्षाघात (लकवा) का शिकार हो गया. एनडीटीवी के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में प्राची ने दिव्‍यांग लोगों के लिए अपने संदेश में कहा,

“यदि आप अपने आप को दिव्‍यांग मानते हैं, यदि यह आपके मन में है कि आप दिव्‍यांग हैं, तो आप दिव्‍यांग रहेंगे. लेकिन, अगर आपने कुछ करने का मन बना लिया है और दृढ़ निश्चय कर लिया है तो आपको कोई नहीं रोक सकता.”

शीतल (पैरा-आर्चर) और प्राची (पैरा-कैनो खिलाड़ी) दोनों ही हुंडई की ओर से समर्थ पहल के तहत समर्थित छह एथलीटों में शामिल हैं.

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