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टेक्टाइल ग्राफिक्स की मदद से नरेश आकृतियों को करते हैं महसूस

टेक्टाइल ग्राफिक्स (Tactile graphics) वो इमेज हैं, जो सतह से ऊपर उठी होती है. नरेश किसी आकृति के बारे में जानने के लिए उभरी हुई रेखाओं और बनावट पर अपनी उंगलियां फिराते हैं

द्वारा: आस्था आहूजा | एडिट: श्रुति कोहली | July 30, 2024 Read In English

नई दिल्ली: कुछ समय पहले तक नरेश को इस बात के बारे में पता नहीं था कि हाथी की सूंड होती है और हिरण के सींग. नरेश को दिखाई नहीं देता, वह दृष्टिबाधित (visually impaired) है. हालांकि, अब वह जानते हैं कि हाथी की सूंड और हिरण के सींग होते हैं.

यह टेकटाइल ग्राफिक बुक आकृतियों के बारे में समझने में उसकी मदद कर रही है.

नरेश कहते हैं,

“अगर मैं यह समझना चाहता हूं कि त्रिकोण (Triangle) कैसा दिखता है, तो या तो कोई इसे मेरी हथेली पर बनाकर मुझे समझा सकता है या मैं उसके बारे में कल्पना कर सकता हूं – त्रि का मतलब तीन होता है ये पता है, लेकिन यह नहीं पता कि एंगल कैसे होते हैं.”

सभी तरह के ग्राफ और इमेज को ब्रेल में भी डिस्क्राइब किया गया है.

टेक्टाइल ग्राफिक्स (Tactile graphics) वो इमेज हैं, जो सतह से ऊपर उठी होती है. नरेश किसी आकृति के बारे में जानने के लिए उभरी हुई रेखाओं और बनावट पर अपनी उंगलियां फिराते हैं.

टैक्टाइल ग्राफिक्स को IIT, दिल्ली की असिस्टटेक (AssisTech) लैब ने डिजाइन किया है. यहां, इनोवेशन का मतलब सिर्फ गैजेट नहीं है; इनकी कोशिश मोबिलिटी और एजुकेशन पर फोकस करते हुए लोगों को इंडिपेंडेंट बनाना है.

स्मार्टकेन (SmartCane) इस ग्रुप के साइंटिस्ट का एक और आविष्कार है.

यह छड़ी (cane) कुछ मीटर की दूरी पर कोई वस्तु होने पर वाइब्रेट यानी कंपन करने लगती है और इस तरह से जिसके हाथ में वो छड़ी है उसे आने वाली रुकावट के बारे में अलर्ट करती है. आईआईटी दिल्ली में असिस्टिव टेक्नोलॉजी रिसर्चर एंड ट्रेनर मोहित केजरीवाल (Mohit Kejriwal) समझाते हुए कहते हैं,

“एक रेगुलर केन के ऊपर एक इलेक्ट्रॉनिक यूनिट फिट की जाती है. यूनिट में दो सेंसर होते हैं जो किसी व्यक्ति के सामने मौजूद चीजों का पता लगाते हैं.”

घर के अंदर, यह डिवाइस 1.5 मीटर के भीतर मौजूद वस्तुओं का पता लगाती है और बाहर, यह 3 मीटर तक काम करती है.

मोहित कहते हैं,

“स्मार्टकेन दृष्टिबाधित लोगों को सुरक्षा के साथ चलने में समर्थ बनाने में मदद करती है.”

AssisTech ने एक और डिवाइस डेवलप की है, जिसका नाम TacRead है. इसमें एक ब्रेल डिस्प्ले है जो दृष्टिबाधित लोगों को डिजिटल टेक्स्ट पढ़ने में मदद करता है. TacRead डिवाइस ब्लूटूथ या USB या मेमोरी कार्ड के जरिए मोबाइल या लैपटॉप से कनेक्ट हो जाता है.

मोहित बताते हैं,

“पेपर ब्रेल भारी, महंगा और साथ ही उसकी लाइफ भी कम होती है, टैकरीड (TacRead) एजूकेशन को ज्यादा समावेशी (inclusive) बनाता है.”

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इस पहल के बारे में

समर्थ, हुंडई द्वारा एनडीटीवी के साथ साझेदारी में शुरू हुई एक पहल है जिसका मकसद समावेशिता को बढ़ावा देना, नजरिए को बदलना और दिव्‍यांग लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता को सुधारना है.

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