समावेशन की शुरुआत मुझसे होती है. विकलांग लोगों के लिए अधिक समावेशी समाज बनाने में मदद करने का संकल्प लें.
दिव्यांगों के लिए कार्यस्थल में समान अधिकारों की पहल, मगर कहां है कमी?
समर्थ बाय हुंडई, ये जोश भरा एंथम इस पहल की सच्ची भावना को दर्शता है. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता गीतकार वरुण ग्रोवर के लिखे और भारत में फ्यूजन रॉक के अग्रदूत, इंडियन ओशन द्वारा कंपोज किया गया ये एंथम उन लोगों की भावना का जश्न मनाता है, जो दिव्यांगता जैसी चुनौतियों से उबर सके हैं. क्योंकि दिव्यांगता, जिसके साथ हम में से कुछ लोगों को जीना पड़ता है, उससे ये परिभाषित नहीं होना चाहिए कि हम कैसे जीते हैं, या हम क्या हासिल कर सकते हैं या क्या नहीं हासिल कर सकते.
वह पहले 25 सालों तक बोल नहीं सकते थे. और...
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समर्थ, हुंडई द्वारा एनडीटीवी के साथ साझेदारी में शुरू हुई एक पहल है जिसका मकसद समावेशिता को बढ़ावा देना, नजरिए को बदलना और दिव्यांग लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता को सुधारना है.
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