समावेशन की शुरुआत मुझसे होती है. विकलांग लोगों के लिए अधिक समावेशी समाज बनाने में मदद करने का संकल्प लें.
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उन व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित करें, जिन्होंने ऐसी जगहें तैयार की हैं, जो अधिक पहुंच और समावेशिता प्रदान करते हैं.
न्यूमोशन एक मोटराइज्ड व्हीलचेयर प्रोडक्शन कंपनी है. न्यूफ्लाई और न्यूबोल्ट इस कंपनी के प्रोडक्ट हैं.
न्यूफ्लाई: यह एक पर्सनल व्हीलचेयर है, जो आपको परफेक्ट पोस्चर देती है, जिससे पीठ और कंधे में दर्द कम होता है. इसे चलाना बहुत आसान है, इससे थकान कम होती है, और कॉम्पैक्ट डिज़ाइन के चलते इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है.
न्यूबोल्ट: यह एक ऐड-ऑन है जो न्यूफ्लाई को एक सुरक्षित सड़क पर चलने वाले वाहन में तब्दील करता है, जिससे व्हीलचेयर यूजर अपने आप पढ़ाई, काम, एंटरटेनमेंट जैसी चीजों के लिए आराम से बाहर जा सकते हैं. न्यूमोशन के यूजर्स खुशी-खुशी अपना जीवन जी रहे हैं.
स्वाभिमान की स्थापना 2001 में हुई थी, यह एक रजिस्टर्ड नॉन प्रॉफिटेबल संस्था है. यह ओडिशा का पहला क्रॉस-डिसैबिलिटी संगठन है. यह संस्था ओडिशा, भारत और दक्षिण एशिया में दिव्यांग व्यक्तियों को सपोर्ट करती है. स्वाभिमान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर DPI (Disabled People’s International) के साथ, राष्ट्रीय स्तर पर NDN (National Disability Network) के साथ और अपने नेटवर्क (ओडिशा राज्य दिव्यांग नेटवर्क) के साथ काम करती है.
इसकी फाउंडर डॉ. श्रुति मोहापात्रा के पास 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है. वह RPwD अधिनियम 1995 के पारित होने से लेकर, भारत के UNCRPD के अनुमोदन, RTE अधिनियम के संशोधन, और RPwD अधिनियम 2016 तक दिव्यांग अधिकार आंदोलन का हिस्सा रही हैं. स्वाभिमान, स्कूल शिक्षा को समर्थन देने, युवाओं को रोजगार के अवसरों के लिए सशक्त बनाने, दिव्यांगता के मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने, क्षमताओं का निर्माण करने और वकालत को सक्षम करने के लिए रिसर्च करने पर केंद्रित है.
बेंगलुरु का आर्ट और फोटोग्राफी म्यूजियम (MAP) कला में पहुंच और समावेशिता का बेहतरीन उदाहरण है. यह म्यूजियम यूनिवर्सल डिजाइन सुविधाओं को एकीकृत करता है, जैसे रैंप, रिजवर्ड पार्किंग, सभी के लिए सुलभ शौचालय, सुलभ लिफ्ट और सीढ़ियां बनाना. म्यूजियम में इंडक्शन लूप, मैनुअल व्हीलचेयर, इवैक्वेशन चेयर और यहां तक कि उन लोगों के लिए एक कमरा भी है, जिन्हें शांतिपूर्ण वातावरण की आवश्यकता होती है. MAP की गैलरी स्पेस को नेविगेशन में आसानी के लिए सोच-समझकर डिजाइन किया गया है, जिसमें ऑप्टीमल हाइट एडजस्टमेंट, एडजस्टेबल लाइट आर्ट शामिल है.
सुनील कुमार जैन आस्था के संस्थापक और मुख्य प्रवर्तक हैं. आस्था दिव्यांगों की पूर्ण भागीदारी और योगदान को बढ़ावा देने वाला एक गैर-लाभकारी संगठन है. 15 साल के अनुभव के साथ चार्टर्ड एकाउंटेंट सुनील ने 2016 में भारत में व्हीलचेयर टेनिस को बढ़ावा देने के लिए भारतीय व्हीलचेयर टेनिस टूर (IWTT) की स्थापना की, जिसमें 11 AITA-रेटेड टूर्नामेंट का आयोजन किया और खिलाड़ियों की संख्या बढ़ाई.
उन्होंने “Life is a Score Board” जैसे इनोवेटिव ट्रेनिंग प्रोग्राम और वर्कशॉप डिजाइन कीं, और सुलभ खेल सुविधाओं की वकालत की.
अमेज़न इंडिया ऑपरेशंस ने 2017 से दिव्यांग लोगों (PWDs) को तैनात करना शुरू किया है. वे सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के औपचारिक तरीके, सुरक्षा और सहभागिता तंत्र का लाभ उठा रहे हैं, जैसे कि टीम लीडर्स को भारतीय सांकेतिक भाषा (ISL) में न सुन पाने वाले लोगों के साथ कम्युनिकेशन के लिए ट्रेंड और प्रोत्साहित करना.
इस ऑपरेशन ने विभिन्न समूहों के दिव्यांग व्यक्तियों को सौंपे जा सकने वाले कार्यों को समझने के लिए एक व्यापक बुनियादी ढांचा और नौकरी ऑडिट किया है, साथ ही हमारे कार्यस्थलों को निरंतर सुलभ बनाने की योजना भी बनाई है.
राष्ट्रीय दिव्यांग व्यक्तियों के लिए रोजगार संवर्धन केंद्र (NCPEDP) एक क्रॉस-डिसेबिलिटी, नॉन प्रोफिट ऑर्गेनाइजेशन है, जो सरकार, उद्योग, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और वॉलंटियर सेक्टर के बीच एक इंटरफेस के रूप में काम करता है ताकि दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तीकरण की दिशा में काम किया जा सके.
इसका मिशन रोजगार, शिक्षा, सुलभता और संचार के क्षेत्रों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समानता को बढ़ावा देना है, जिसमें रिसर्च और वकालत शामिल है.
समर्थ हीरो अवॉर्ड के लिए NCPEDP नोलिज पार्टनर रहा है, यह Hyundai और NDTV की पार्टनरशिप से एक पहल है.
समर्थ बाय हुंडई, ये जोश भरा एंथम इस पहल की सच्ची भावना को दर्शता है. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता गीतकार वरुण ग्रोवर के लिखे और भारत में फ्यूजन रॉक के अग्रदूत, इंडियन ओशन द्वारा कंपोज किया गया ये एंथम उन लोगों की भावना का जश्न मनाता है, जो दिव्यांगता जैसी चुनौतियों से उबर सके हैं. क्योंकि दिव्यांगता, जिसके साथ हम में से कुछ लोगों को जीना पड़ता है, उससे ये परिभाषित नहीं होना चाहिए कि हम कैसे जीते हैं, या हम क्या हासिल कर सकते हैं या क्या नहीं हासिल कर सकते.
तस्वीरों में: 'समर्थ' - विकलांग व्यक्तियों के लिए एक समावेशी समाज बनाने की पहल
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समर्थ, हुंडई द्वारा एनडीटीवी के साथ साझेदारी में शुरू हुई एक पहल है जिसका मकसद समावेशिता को बढ़ावा देना, नजरिए को बदलना और दिव्यांग लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता को सुधारना है.
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